टमाटर एक बार फिर सुर्ख लाल हुआ जा रहा है। कीमतें तेजी से बढ़ते हुए 100 रुपए के पार पहुंच चुकी हैं। दाम बढ़ने की यह रफ्तार इतनी ज्यादा है कि इसके 200 के पार जाने की आशंका जताई जा रही है। भारतीय किचन में सजा रहने वाला टमाटर महंगाई की वजह से आम भारतीयों की थाली से गायब होता जा रहा है। आखिर, जुलाई-अगस्त में ही इसके भाव क्यों आसमान छूने लगते हैं। इसका क्या समाधान हो सकता है। इस स्टोरी में सब कुछ जानिए। बीते साल की तरह ही इस बार भी टमाटर 200 रुपए के पार पहुंच सकता है। देश के कई इलाकों में बारिश और बाढ़ की वजह से टमाटर समेत कई सब्जियों की सप्लाई पर असर पड़ा है, जिससे टमाटर के साथ-साथ लोगों के किचन में हमेशा विराजमान रहने वाले आलू-प्याज भी भाव खाने लगे हैं। चर्चित अमेरिकी उपन्यासकार और फूड कॉलम राइटर लॉरी कॉल्विन ने एक बार कहा था कि बिना टमाटर के दुनिया उसी तरह है, जैसे बिना तारों के वायलिन। आज भारतीय किचन में बेहद करीने से टमाटर सहेजे जाते हैं। बिना टमाटर के किसी तरीदार सब्जी की कल्पना करना भी मुश्किल है।
यूपी के शाहजहांपुर में टमाटर 162 रुपए किलो में बिक रहा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, महानगरों में टमाटर की खुदरा कीमतें कोलकाता में सबसे अधिक 152 रुपए प्रति किलो रहीं। वहीं, दिल्ली में यह प्रति किलो 120 रुपए, चेन्नई में 117 रुपए और मुंबई में 108 रुपए के हिसाब से बिका। बाजारों में आलू 35 से 40 रुपए किलो बिक रहा है तो प्याज भी कहीं-कहीं 45 से 50 रुपए किलो तक बिक रहा है। शाहजहांपुर में सबसे ज्यादा में बिका टमाटर
खुदरा टमाटर की अखिल भारतीय औसत कीमत बृहस्पतिवार को 95.58 रुपए प्रति किलो थी। आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में इसकी सबसे अधिक कीमत 162 रुपये प्रति किलो रही, जबकि राजस्थान के चूरू जिले में न्यूनतम दर 31 रुपए प्रति किलो थी। देश के चार बड़े शहरों के अलावा भी बाकी शहरों में भी टमाटर की कीमतें ऊंची रहीं। गुरुग्राम में टमाटर की खुदरा कीमत 140 रुपए प्रति किलो, बेंगलुरु में 110 रुपए प्रति किलो, वाराणसी में 107 रुपए प्रति किलो, हैदराबाद में 98 रुपए प्रति किलो और भोपाल में 90 रुपए किलो थी। नीचे दिए ग्राफिक से जानिए टमाटर की पैदावार में कौन से राज्य आगे हैं।
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